शनिवार, 4 नवंबर 2017

हिंदी में भी होनी चाहिए लिंग्वी जैसी वेबसाइट

इंटरनेट पर उपलब्ध अधिकतर अंग्रेज़ी-हिंदी शब्दकोश न तो प्रामाणिक पर्याय उपलब्ध कराते हैं न उनमें संदर्भ के अनुसार उपयुक्त शब्द मिलते हैं। शब्दकोश और गूगल शब्दकोश में तो कई बार वर्तनी के स्तर पर भी ग़लतियाँ दिखती हैं। इस स्थिति में हिंदी में लिंग्वी (https://www.linguee.com) जैसी वेबसाइट की आवश्यकता को बार-बार महसूस करना स्वाभाविक है। जर्मनी की इस वेबसाइट में अंग्रेज़ी, जर्मन, फ़्रेंच, स्पैनिश जैसी कई यूरोपीय भाषाओं में न केवल कोशीय पर्याय दिए गए हैं, बल्कि पदबंधों के अनुवाद भी उपलब्ध हैं। अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, कंपनियों आदि के दस्तावेज़ों के स्तरीय अनुवादों की उपलब्धता ने यूरोपीय भाषाओं के अनुवादकों को बड़ी राहत दी है। अनुवादकों को इस वेबसाइट से कैसी जानकारी मिलती है, इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं :

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पहले स्क्रीनशॉट में null and void के कोशीय अर्थ दिख रहे हैं और दूसरे में इस पदबंध के अनुवाद वाक्य के साथ दिए गए हैं।

प्रसिद्ध अनुवादशास्त्री यूलियान हाउस ने अपनी पुस्तक ट्रांसलेशन क्वालिटी असेसमेंट:पास्ट ऐंड प्रेजेंट  में अनुवाद मूल्यांकन और अनुवाद प्रशिक्षण के संदर्भ में कॉर्पस आधारित वेबसाइटों के महत्व के बारे में लिखा है।अगर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में लिंग्वी जैसी कोई वेबसाइट उपलब्ध होती है, तो इससे अनुवाद अध्ययन और व्यावसायिक अनुवाद, दोनों क्षेत्रों से जुड़े व्यक्ति लाभान्वित होंगे।

कई बार समय की कमी के कारण हमें अनुवाद की उपयुक्तता सुनिश्चित करने के लिए शोध-पड़ताल करने या विशेषज्ञों की सलाह लेने का समय नहीं मिलता। लिंग्वी पर अनुवाद के उदाहरण वाक्य के साथ उपलब्ध होते हैं। इससे हमें सही विकल्प चुनने में मदद मिलती है। हर संदर्भ में केवल कोशीय पर्याय मूल पाठ के कथ्य को सही ढंग से व्यक्त नहीं करता। पाठ-संदर्भित अर्थ भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। अच्छे अनुवादकों में यह गुण होता है कि वे कोशीय पर्याय पर निर्भर नहीं होते। लिंग्वी में वाक्यों के उदाहरणों में पाठ-संदर्भित पर्यायों का अध्ययन करके अनुवादकों को अपनी रुचि के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने में भी मदद मिलती है। इसे लिंग्वी की लोकप्रियता का प्रमाण ही कहा जाएगा कि इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या आठ करोड़ 50 लाख से अधिक है।

अंग्रेज़ी-हिंदी युग्म में लिंग्वी जैसी वेबसाइट का उपलब्ध होना बहुत ज़रूरी है। इससे न केवल नए अनुवादकों को अच्छे अनुवाद के उदाहरणों का अध्ययन करके अपनी अनुवाद दक्षता को बेहतर बनाने का मौका मिलेगा, बल्कि हिंदी सीखने वाले विदेशियों, अनुवाद अध्ययन के विद्यार्थियों, शिक्षकों आदि को भी मदद मिलेगी।

हिंदी के विकास में अनुवाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हिंदी गद्य का आधार अंग्रेज़ी से हिंदी में किए गए अनुवादों ने ही निर्मित किया है। आज भी हिंदी की वाक्य संरचना पर अंग्रेज़ी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखता है। चाहे पत्रकारिता का क्षेत्र हो या मनोरंजन का, हिंदी में अनुवाद के दायरे का हर जगह विस्तार हो रहा है। लिंग्वी जैसी वेबसाइट के उपलब्ध होने पर अनुवाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करना आसान हो जाएगा।

हिंदी में लिंग्वी जैसी वेबसाइट बनाने के लिए सरकारी कार्यालयों में पहले से उपलब्ध प्रामाणिक अनुवादों का डिजिटलीकरण किया जा सकता है। भाषा और अनुवाद के क्षेत्र में सक्रिय ग़ैर-सरकारी संस्थाओं, प्रकाशकों आदि की भी मदद ली जा सकती है। अंग्रेज़ी-हिंदी युग्म में एक बड़ी संख्या में प्रामाणिक और स्तरीय द्विभाषिक पाठों को उपलब्ध कराना एक ऐसा महत्वपूर्ण कार्य है जिसकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

लेखक: सुयश सुप्रभ